देश में खेती के स्तर को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए सरकार के द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया जाता है जिसमें से हाल ही में शुरू की गई परंपरागत कृषि विकास योजना भी एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके माध्यम से अब किसानों को जैविक खेती करने पर सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य किया जाएगा जैसा हम जानते हैं पारंपरिक खेती की तुलना में यदि देखा जाए तो जैविक खेती सेहत के लिए ज्यादा लाभकारी होती है जिसमें कीटनाशकों का भी कम इस्तेमाल होता है और भूजल के पानी में नाइट्रेट की लीचिंग भी यह कम करती है इन्हीं सब बातों का ध्यान रख कर सरकार के द्वारा इस महत्वपूर्ण Paramparagat Krishi Vikas Yojana की शुरुआत की गई है।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2024
भारत सरकार के द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की गई जिसके माध्यम से अब किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा और इसके साथ ही साथ उन्हें 50 हजार रुपए आर्थिक सहायता के तौर पर प्रदान किए जाएंगे जिसके माध्यम से पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक विज्ञान का इस्तेमाल करके जैविक खेती के स्थाई मॉडल को भी विकसित करने का कार्य किया जाएगा जिससे मिट्टी की उर्वरता को बढ़ावा मिलेगा और क्लस्टर निर्माण क्षमता निर्माण आदेशों के लिए प्रोत्साहन मूल्यवर्धन और विवरण के लिए भी आर्थिक सहायता सरकार के द्वारा प्रदान की जाएगी हालांकि इस योजना को वर्ष 2015 में ही रसायनिक मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी।
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Key Highlights of Paramparagat Krishi Vikas Yojana
योजना | परम्परागत कृषि विकास योजना |
संचालन | केंद्र सरकार द्वारा |
शुरुवात | वर्ष 2015 |
मंत्रालय | कृषि मंत्रालय,भारत सरकार |
लाभार्थी | देश के सभी किसान |
वित्तीय सहायता | ₹50,000 |
उद्देश्य | देश के जैविक खेती को बढ़ावा देना |
परम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य
जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां की अधिकतर आबादी कृषि क्षेत्र पर ही आधारित है ऐसे में भारत सरकार के द्वारा शुरू की गई Paramparagat Krishi Vikas Yojana के माध्यम से देश के सभी किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा जिसके लिए उन्हें ₹50000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी इस योजना के माध्यम से खेती हेतु मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकेगी जिससे रसायनिक मुक्त एवं पौष्टिक भोजन का उत्पादन हो सकेगा क्योंकि जैविक खेती में कीटनाशकों का कम से कम इस्तेमाल किया जाता है ऐसे में देश में नागरिकों की सेहत में भी सुधार देखने को मिलेगा और क्लस्टर मोड में भी बढ़ावा हो सकेगा।
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Paramparagat Krishi Vikas Yojana का लाभ
- भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से देश के किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इस योजना के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता के तौर पर ₹50000 भी प्रदान किए जाएंगे।
- इस योजना के द्वारा मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ावा मिलेगा।
- इस योजना के संचालन से खेती के स्थाई मॉडल को विकसित करने का कार्य किया जा सकेगा।
- Paramparagat Krishi Vikas Yojana के माध्यम से जैविक खेती करने पर रसायन मुक्त अनाज प्राप्त हो सकेगा और क्लस्टर मोड में भी बढ़ावा देखने को मिलेगा।
- इस योजना के व्यवस्थित रूप से संचालित होने से नागरिकों को स्वस्थ अनाज प्राप्त हो सकेंगे।
- परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से जैविक खेती करने के लिए प्रति हेक्टर ₹50000 3 वर्षों के लिए किसानों को प्रदान किए जाएंगे
- इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से पिछले 4 वर्षों में लगभग 12 सौ करोड़ पर की राशि खर्च की जा सकी है जिससे सीधे तौर पर किसानों को फायदा प्राप्त हो रहा है।
परम्परागत कृषि विकास योजना के द्वारा 4 वर्षों में प्रदान की गई वित्तीय सहायता
Year | Budget | Revised | Release |
2017-18 | 3500Cr | 250Cr | 203.46Cr |
2018-19 | 360Cr | 335.91Cr | 329.46Cr |
2019-20 | 325Cr | 299.36Cr | 283.67Cr |
2020-21 | 500Cr | 350Cr | 381.05Cr |
Total | 1535 Cr | 1235.27 Cr | 1197.64 Cr |
Paramparagat Krishi Vikas Yojana का कार्यान्वयन
राष्ट्रीय स्तर कार्यान्वयन
इस महत्वपूर्ण योजना को इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट के ऑर्गेनिक फार्मिंग सेल के द्वारा कार्यान्वित करने का कार्य किया गया है जिसके माध्यम से इस योजना के दिशा निर्देश नेशनल एडवाइजरी कमिटी के ज्वाइंट डायरेक्टर के माध्यम से तैयार की जाती है।
राज्य स्तर कार्यान्वयन
यदि राज्य स्तर पर परंपरागत कृषि विकास योजना के कार्यान्वयन की बात की जाए तो यह कृषि और सहकारिता विभाग के द्वारा की जाती है जिस में पंजीकृत क्षेत्रीय परिषदों की भागीदारी के साथ योजना को लागू करने का कार्य किया गया है।
जिला स्तरीय कार्यान्वयन
इस योजना को किसी भी जिले में रीजनल काउंसिल के माध्यम से Launch किया गया है हालांकि एक जिले में एक से अधिक भी रीजनल काउंसिल देखने को मिल सकती है जो सोसाइटी एक पब्लिक ट्रस्ट एक्ट को ऑपरेटिव एक्ट या कंपनीज एक्ट के अंडर रजिस्टर्ड कार्य करेंगे।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) हेतु पात्रता
- केंद्र सरकार के द्वारा संचालित परंपरागत कृषि विकास योजना का लाभ केवल भारत के नागरिक को ही प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत केवल देश के किसानों को ही पात्र माना जाएगा।
- आवेदन कर्ता की आयु इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
परम्परागत कृषि विकास योजना हेतु महत्वपूर्ण दस्तावेज
- Aadhaar Card
- Voter ID Card
- Domicile Certificate
- Age Certificate
- Income Certificate
- Ration Card
- Passport Size Photo
- Mobile Number
परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया
- यदि आप Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- जिसके बाद आपके सामने Website का Homepage खुल कर आ जाएगा।
- जहां पर आपको Apply Now का Option दिखाई देगा जिस पर आपको Click कर देना होगा।
- उसके बाद आपके सामने एक Application Form खुलकर आएगा।
- जिसमें आपको अपना Name, Mobile Number & Email ID और अपनी कुछ Basic Details की जानकारियों को दर्ज कर देना होगा।
- सभी जानकारियों को दर्ज करने के बाद आपको अपने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को Scan करके Upload कर देना होगा।
- और फिर अंत में दिए गए Submit के Button पर Click करके आपको आसानी से परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन कर लेना होगा।
परंपरागत कृषि विकास योजना से संबंधित कुछ सवाल और जवाब (FAQs)
देश में किसानों को पारंपरिक खेती करने के लिए इस योजना के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा और उसके साथी साथ उन्हें ₹50000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
देश में परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा देने का कार्य किया जाएगा जिससे रसायन मुक्त अनाजों की खेती की जा सके।
देश के सभी किसानों को पारंपरिक जैविक खेती करने पर प्रति हेक्टेयर ₹50000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिससे वह बेहतर तरीके से अपनी फसलों को होगा सकेंगे।