देश में प्राकृतिक आपदाओं के कारण सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है ऐसे में केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा उन सभी किसानों को आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु नई नई योजनाओं की सौगात प्रदान की जाती है जिनके माध्यम से उन्हें होने वाले नुकसान को कम किया जा सके इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार अपने राज्य के किसानों के हित में फैसला लेते हुए हाल ही में उत्तराखंड रेशम कीट बीमा योजना की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत राज्य के जितने भी रेशम कीट पालक हैं उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से जितना भी आर्थिक नुकसान होता है उसकी भरपाई हेतु भारतीय कृषि बीमा कंपनी के द्वारा फसल बीमा प्रदान किया जाता है तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपको Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana से संबंधित जानकारी विस्तार से प्रदान करेंगे।
Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana 2024
उत्तराखंड राज्य सरकार के द्वारा रेशम कीट बीमा योजना की शुरुआत 9 मार्च 2023 को हाल ही में रेशम निदेशालय एवं भारतीय कृषि बीमा कंपनी के द्वारा की गई है जिसके माध्यम से राज्य में जितने भी रेशम की खेती कर रहे किसान हैं उन्हें फसल बीमा का लाभ प्रदान किया जाएगा ऐसे में यदि किसी परिस्थिति से प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है तो उन्हें उस नुकसान की भरपाई के लिए सहायता राशि प्रदान की जा सकेगी और बीमा योजना का लाभ प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा ही बीमा प्रीमियम का भुगतान भी किया जाएगा
हालांकि इस योजना को फिलहाल कुछ जनपदों में ही शुरू करके तैयारी की जा रही है। इस महत्वपूर्ण Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana के माध्यम से राज्य में जितने भी रेशम की खेती करने वाले किसान हैं उनकी आय में वृद्धि करने का प्रयास किया जाएगा जिससे रेशम का भी उत्पादन बढ़ सके।
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उत्तराखंड रेशम कीट बीमा योजना का उद्देश्य
जैसा कि हम सब जानते हैं कि उत्तराखंड राज्य में ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ जाता है और ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यदि देखा जाए तो उत्तराखंड में अधिक मात्रा में प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप देखने को मिलता है ऐसे में राज्य के जितने भी रेशम की खेती करने वाले किसान हैं उन्हें काफी ज्यादा नुकसान हो जाता था जिससे उन्हें आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता था इन्हीं सब परिस्थिति को देखकर उत्तराखंड सरकार ने उनकी नुकसान की भरपाई के लिए Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana की शुरुआत की जिससे राज्य में रेशम के उत्पादन को बढ़ावा मिल सके
और वह रेशम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और ऐसे में यदि किसी प्रकार की कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो उसके नुकसान की पूर्ण रूप से भरपाई की जाएगी ऐसे में किसानों को आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनकी आय भी दोगुनी हो सकेगी।
Key Highlights of Resham Keet Bima Yojana
योजना | उत्तराखंड रेशम कीट बीमा योजना |
राज्य | उत्तराखंड |
शुरुवात | 9 March 2023 |
संबंधित | रेशम निदेशालय एवं भारतीय कृषि बीमा कंपनी |
लाभार्थी | राज्य के सभी रेशम की खेती करने वाले किसान |
उद्देश्य | किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई करना |
आधिकारिक वेबसाइट | अभी जारी नहीं…. |
उत्तराखंड रेशम कीट बीमा योजना का लाभ
- उत्तराखंड राज्य में Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana की शुरुआत रेशम की खेती करने वाले किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए की गई है जिन से उन्हें आर्थिक समस्याओं से निजात मिल सके।
- इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से जितने भी रेशम की खेती करने वाले किसानों ने फसल बीमा योजना का सीधे तौर पर लाभ प्रदान किया जाएगा।
- रेशम कीट बीमा योजना के अंतर्गत किसानों के लिए बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान उत्तराखंड राज्य सरकार के द्वारा ही किया जाएगा।
- हाल ही में शुरू की गई इस महत्वपूर्ण योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 4 जिलों में शुरू किया गया है और यदि यह योजना सफल हो जाती है तो इसे संपूर्ण राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
- इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से कृषि से संबंधित अन्य क्षेत्र जैसे मत्स्य पशुपालन आदि को भी योजना का लाभ सीधे तौर पर प्रदान किया जाएगा।
- अब किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली फसल की बर्बादी से जो नुकसान होता है उसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि इस योजना के माध्यम से उनके नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।
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Uttrakhand Resham Keet Bima Yojana के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- रेशम कीट बीमा योजना को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखंड बन चुका है।
- आगामी वर्षों में राज्य के लगभग 12000 परिवारों को रेशम कीट बीमा योजना के माध्यम से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।
- यदि राज्य में रेशम के उत्पादन की बात की जाए तो गत वर्ष राज्य के 6000 किसानों के द्वारा 300 मेट्रिक टन का उत्पादन किया गया है।
- रेशम कीट पालन का कार्य काफी सावधानी से किया जाता है क्योंकि अत्यधिक ठंडा गर्मी या वर्षा होने से रेशम के कीड़ों में बीमारी उत्पन्न हो जाती है जिससे वह सही से रेशम का निर्माण नहीं कर पाते और ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ जाता है परंतु इस योजना के माध्यम से उन्हें लाभान्वित करने का कार्य किया जाएगा।
- इस Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana को राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया जा रहा है जिसमें राज्य के 4 जिलों हरिद्वार,नैनीताल,उधम सिंह नगर और देहरादून को सबसे पहले लाभान्वित किया जाएगा जहां के लगभग ढाई सौ किसानों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना के माध्यम से राज्य में रेशम के उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी जिससे किसानों को भी प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana हेतु पात्रता
- यदि कोई किसान रेशम कीट फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करना चाहता है तो उसे उत्तराखंड राज्य का ही मूल निवासी होना चाहिए।
- केवल राज्य के किसानों को ही इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- जो भी किसान रेशम की खेती कर रहे हैं वही इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे।
- केवल प्राकृतिक आपदाओं के कारण से हुई फसल की बर्बादी पर ही किसानों को इस बीमा योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
रेशम कीट बीमा योजना हेतु महत्वपूर्ण दस्तावेज
- Aadhaar Card
- Voter ID Card
- Domicile Certificate
- Affidavit
- Bank Account Details
- फसल से संबंधित जानकारी का ब्योरा
- Passport Size Photo
- Mobile Number
Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया
जैसा कि आपको बताया गया है कि उत्तराखंड रेशम कीट बीमा योजना की शुरुआत हाल ही में राज्य सरकार के द्वारा की गई है जिसके माध्यम से जितने भी रेशम की खेती करने वाले किसान हैं उन्हें इस बीमा योजना के माध्यम से लाभ प्रदान किया जाएगा परंतु अभी इस योजना को केवल 4 जिलों में शुरू किया गया है ऐसे में यदि इन 4 जिलों में इस योजना को सफलता से संचालित किया जाता है तो उसके बाद संपूर्ण राज्य में इसे लागू कर दिया जाएगा
जोकि रेशम निदेशालय एवं भारतीय कृषि बीमा कंपनी के द्वारा संचालित है और ऐसे में इसके आवेदन की प्रक्रिया से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी राज्य सरकार के द्वारा नहीं दी गई है यदि इसके आवेदन से संबंधित कोई जानकारी या Notification आता है तो आपको इस लेख के माध्यम से तुरंत Update कर दिया जाएगा जिससे आप भी इस योजना का लाभ ले सके।
उत्तराखंड रेशम कीट बीमा योजना से संबंधित कुछ सवाल जवाब (FAQs)
राज्य में रेशम कीट बीमा योजना को फिलहाल 4 किलो नैनीताल हरिद्वार उधम सिंह नगर और देहरादून में संचालित किया जा रहा है जिसके बाद यदि यह योजना सफल हो जाती है तो इससे संपूर्ण राज्य में लागू कर दिया जाएगा जिससे रेशम की खेती करने वाले किसानों को लाभ प्रदान किया जा सके।
Uttarakhand Resham Keet Bima Yojana को रेशम निदेशालय एवं भारतीय कृषि बीमा कंपनी के द्वारा व्यवस्थित रूप से संचालित किया जा रहा है ऐसे में किसानों के बीमा प्रीमियम के लिए राशि राज्य सरकार के द्वारा प्रदान की जाएगी।
इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से आगामी वर्षों में राज्य के लगभग 12000 किसान परिवारों को इस योजना के माध्यम से लाभान्वित करने का कार्य किया जाएगा जिससे उन्हें रेशम की खेती करने के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से यदि नुकसान हुआ है तो उसकी भरपाई की जा सकेगी।