भारत की नई शिक्षा नीति (NEP) | नई एजुकेशन पॉलिसी पीडीऍफ़ इन हिंदी | New Education Policy Downoad Pdf In Hindi | (NEP) नई शिक्षा नीति कब से लागू होगी | New Education Policy 2020 Pdf Download |
भारत में 1968 मैं नई शिक्षा नीति बनाई गई थी उसके बाद कुछ बदलाव 1986 में किए गए जिसके बाद नई शिक्षा नीति को 1992 मैं संशोधित किया गया था और हाल ही में ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय द्वारा शिक्षा नीति में कुछ बड़े बदलाव किए गए है। यह बदलाव लगभग 34 साल बाद 2020 में भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने के लक्ष्य पर लिए किए गए हैं। तो चलिए दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) से जुड़ी संपूर्ण जानकारी जैसे के यह पॉलिसी क्या है, इसमें क्या बदलाव हुए हैं, बदलाव करने का उद्देश्य क्या है, बदलाव के बाद पाठ्यक्रम क्या है, तथा इसके लाभ क्या है प्रदान करने जा रहे हैं। कृपया इस लेख को विस्तार से पढ़ें।
National Education Policy (NEP)
जैसे कि हम सब जानते हैं कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत ही स्कूल व कॉलेज में होने वाली शिक्षा की नीति बनाई जाती है ऐसे में भारत सरकार द्वारा एक नई एजुकेशन पॉलिसी को लांच किया गया है। इस पॉलिसी को इसरो के प्रमुख डॉक्टर कस्तूरीरंगन के अध्यक्षता मैं तैयार किया गया है। इस बदलाव के तहत 2030 तक स्कूल शिक्षा में 100% जी आई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। जैसे कि हम सब जानते हैं कि पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था तथा इस को बदल के नई शिक्षा नीति के तहत अब 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन
जैसे कि हम सब जानते हैं 1968 और 1992 मैं जारी की गई शिक्षा नीति के बाद यह तीसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति है जो 2020 मैं लागू की गई है। तथा शिक्षा मंत्री द्वारा नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए भी घोषणा जारी कर दी गई है इस नीति ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जैसे शिक्षा के विभिन्न धाराओं के बीच पारंपरिक रेखाओं को हटाना, नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक शिक्षा समग्र प्रदान करना आदि। यह शिक्षा नीति आने वाले दो दशकों के लिए डिजाइन की गई है इसीलिए विभिन्न सिफारिशों को लागू करने के लिए अलग-अलग समय सीमाएं निर्धारित की गई है एक यही वजह है जिस कारण नई शिक्षा नीति को चरणों में लागू किया किया जा रहा है।
एनईपी के अंतर्गत गतिविधियों का कार्यान्वयन
- नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों के अनिवार्य व्यवसायिक विकास को 50 घंटे से अधिक समय तक किया जाएगा और इसके लिए सरकार के दीक्षा प्लेटफार्म पर 4 से 5 घंटे के 18 मॉडल लांच किए गए हैं ताकि इन सर्विस ट्रेनिंग आयोजित की जा सके।
- फाऊंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरस इस मिशन के साथ-साथ सरकार द्वारा राष्ट्रीय मिशन की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी है।
- तथा ई लर्निंग का विस्तार करने के लिए सरकार द्वारा शिक्षा प्लेटफार्म तैयार किया गया है जिससे पाठ्यक्रम से जुड़ी सामग्री की अधिक मात्रा लोगों तक पहुंचाई जाएगी।
- इसके साथ-साथ विभाग ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व को भी ध्यान में रखा है और व्यक्ति छात्रों को भावनात्मक सहायता के साथ-साथ परामर्श प्रदान करने के लिए मनो दर्पण नामक एक पहल शुरू की है। इसके साथ राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर इंटरएक्टिव ऑनलाइन चैट विकल्प और राष्ट्रीय स्तर की निर्देशिका और काउंसलर के डेटाबेस विकसित किए हैं।
- NCERT द्वारा भारतीय संकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं ताकि स्कूल शिक्षा के लिए एक भारतीय संकेतिक भाषा का निर्माण किया जा सके।
- सीबीएसई परीक्षा में सुधार के लिए कुछ आवश्यक चरण उठाए गए हैं और इस सुधार को 2021 में लागू किया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2021 और 22 से जैसे मैथ और हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत दो स्तरों में पेश किए जाएंगे। इसके अलावा कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षा में योग्यता आधारित प्रश्नों में वृद्धि जारी रहेगी जिन्हें पहले ही पेश किया जा चुका है और प्रति वर्ष 10% की वृद्धि की जा रही है।
नई शिक्षा नीति के मुख्य तथ्य (Overview)
आर्टिकल का विषय | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 (NEP) |
किसके द्वारा लांच की गई | भारत सरकार द्वारा |
विभाग | मानव संसाधन मंत्रालय |
लाभार्थी | भारत के नागरिक |
आर्टिकल का उद्देश्य | शिक्षा का सार्वभौमीकरण करना है तथा भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। |
आरंभ तिथि | 2020 |
स्कीम उपलब्धता | अभी उपलब्ध है |
लाभ | बच्चों के अंदर मनोबल तथा सशक्तिकरण बढ़ाना |
अधिकारिक वेबसाइट | www.mhrd.gov.in |
National Service Scheme (NSS)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति नई अपडेट
स्कूली शिक्षा को एक ही प्लेटफ़ार्म पर रखने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने प्री प्राइमरी से जुड़ी एक नई अपडेट दी है। शिक्षा मंत्रालय ने प्री प्राइमरी स्कूलों की शिक्षा को नीति में जोड़ने की एक नई पहल की है। अब कोरोनावायरस संक्रमण के चलते हुए शिक्षा नीति द्वारा प्री प्राइमरी को भी ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ा जाएगा।
- स्कूलों में राज्य के साथ मिलकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के केंद्र शिक्षा मंत्रालय ने,
- मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में समग्र शिक्षा के नियमों में बदलाव को लेकर चर्चा की।
- इन बदलाव पर अभी कोई सहमति नहीं दी गई है लेकिन मंत्रालय ने इसे जल्द ही सीबीएसई एनसीईआरटी और
- एनसीटीआई के साथ उच्च स्तरीय बैठक करने की योजना बनाई है।
- और साथ-साथ राज्य के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए
- अब ब्लॉक स्तर की टीम में ऑनलाइन पढ़ाई पर पूरी तरह से नजर रखेंगे
- जिससे उनकी शिक्षा में आई कमी को तुरंत जांचा जाएगा और उसमें सुधार किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति (NEP)
आपको बता दें कि शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा के स्वरूप में भी बदलाव किए गए हैं अब तक टीआईटी परीक्षा दो हिस्सों में बांटी गई थी परंतु अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बांट दिया गया है पहला फाउंडेशन, दूसरा प्रोपराइटरी, तीसरा मिडल तथा चौथा सेकेंडरी। और इसी स्ट्रक्चर के आधार पर टीआईटी पैटर्न को भी सेट किया गया है। और शिक्षकों के भर्ती के समय टीआईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनडीए टेस्ट स्कोर भी जाना जाएगा। सभी विषयों की परीक्षा और एक कॉमन एप्टिट्यूड टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा किया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) का उद्देश्य
नई एजुकेशन नीति का मुख्य उद्देश्य है कि भारत को वैश्विक स्तर पर शैक्षिक रूप से महाशक्ति बनाया जाए और भारत में शिक्षा का सार्वभौमिकरण कर शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च किया जाए। इस नई पॉलिसी से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी को बदला जाएगा जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करके अपना जीवन उज्जवल बना पाएंगे।इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों तकनीकी तथा रचनात्मक के साथ-साथ शिक्षा का महत्व समझाना तथा उन्हें अपने आने वाले कल के लिए पूर्ण रूप से तैयार करना जिससे उनके अंदर सशक्तिकरण व मनोबल बना रहे

छात्र को वित्तीय सहायता दी जाएगी
इस पॉलिसी के अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार भी किया गया है इस पोर्टल के माध्यम से बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वह पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित हों और उनकी प्रगति को। इस पॉलिसी के माध्यम से प्राइवेट एजुकेशन इंस्टीट्यूशन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वह अपने अंतरित पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करें। इससे बच्चों के दिलों में पढ़ाई करने के लिए इच्छा बढ़ेगी और वह प्रगति की ओर बढ़ेंगे
आईआईटी बहू विषयक संस्थान का निर्माण किया जाएगा
इस पॉलिसी के तहत आईआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों का भी निर्माण किया जाएगा ताकि बच्चे आईआईटी बहु विषयक शिक्षा की ओर बढ़े। जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा हो और अपने करियर को इंजीनियरिंग के रास्ते पर लाकर उज्जवल बनाएं
विदेशी छात्रों के लिए बनाए जाएंगे अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय
नई शिक्षक पॉलिसी के अंतर्गत कम लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने बाला एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे विदेशी छात्रों को मेजबानी करने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय की स्थापना की जाएगी
Central Government Scheme 2021
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का निर्माण होगा
इस पॉलिसी के तहत नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना भी की जाएगी जिसके माध्यम से शोध के संस्कृति को सक्षम बनाया जाएगा। इसकी स्थापना भारत में शोधकर्ताओं को बढ़ावा देगा और विभिन्न रिसर्च सामने आएंगी और यह हमारे देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होंगी

Pradhan Mantri Yojana 2021
नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बोर्ड का महत्व
नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत बोर्ड का महत्व कम गया है जिससे बच्चों को होने वाले तनाव में कमी आए और इस बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में आयोजित किया जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा नई शिक्षा नीति को दिया गया सहयोग
- हमारे देश के प्रिय प्रधानमंत्री द्वारा देश को संबोधित करते हुए नई शिक्षा नीति के ऊपर कुछ चर्चा किए गए जो कि इस प्रकार हैं
- प्रधानमंत्री द्वारा कहा गया कि नई शिक्षा नीति (NEP) भारत का आधार बनेगी।
- यह नई नीति छात्रों को ग्लोबल सिटीजन बनाई थी और इसी के साथ
- यह नई शिक्षा नीति उन्हें अपनी सभ्यता से भी जोडे़ रखेगी।
- इस नीति के माध्यम से छात्र अपने जुनून का पालन कर पाएंगे।
- प्रधानमंत्री जी द्वारा कहा गया कि छात्रों को अपने इंटरेस्ट एबिलिटी और डिमांड की मैपिंग करनी चाहिए।
- छात्रों को क्रिटिकल थिंकिंग को डिवेलप करने की आवश्यकता है।
- प्रधानमंत्री द्वारा कहा गया कि हम ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे हैं जिसमें इंसान किसी एक प्रोफेशन कोअपनी पूरी जिंदगी फॉलो नहीं करेगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक एजुकेशन पॉलिसी व्हाट यू थिंक पर फोकस करती थी लेकिन अब यह नीति हाउ टो थिंक पर फोकस करेगी।
- इस इंप्लीमेंट करने के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का बहुत बड़ा योगदान है टीचर ट्रेनिंग पर भी खास ध्यान देने के बाद की गई है।
- प्रधानमंत्री द्वारा अपने संबोधन मैं मल्टीपल एंट्री तथा एग्जिट के बारे में भी अच्छे से समझाया
- प्रधानमंत्री द्वारा कहा गया कि कक्षा 5 तक क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाए जाने का प्रावधान इस नई शिक्षा नीति में शामिल किया गया है
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के तहत पाठ्यक्रम
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत पाठ्यक्रम में भी कमी की गई है, अब पाठ्यक्रम उतना कर दिया गया है जितना बच्चों के लिए अनिवार्य है। इस पाठ्यक्रम को कम करने का लक्ष्य था कि क्रिटिकल थिंकिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाए और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जैसे कि टीवी, चैनल, ऑनलाइन बुक एप यानी ई लर्निंग को बढ़ावा दिया जाए।
नई शिक्षा नीति (NEP) की मुख्य विशेषताएं
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा।
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था|
- जिसे बदलकर अब 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।
- पांचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में प्रदान की जाएगी।
- छठी कक्षा में व्यवसायिक परीक्षण इंटरशिप दी जाएगी।
- पहले साइंस कॉमर्स तथा आर्ट्स स्ट्रीम हुआ करती थी अब ऐसी कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी|
- छात्र अपनी इच्छा के अनुसार ही सब्जेक्ट का चयन करेंगे।
- अब छात्रों को छठी कक्षा में ही कोडिंग सिखाई जाएगी।
- सभी प्रकार के इ कंटेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाएगा।
- वर्चुअल लैब का भी निर्माण किया जाएगा
- मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम बदलकर आप शिक्षा मंत्रालय रखा गया है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की मुख्य बातें
- ग्रेजुएशन कोर्स 3 या 4 के होंगे जिसमें विभिन्न प्रकार के एग्जिट ऑप्शन होंगे|
- जैसे के यदि कोई छात्र 1 साल ग्रेजुएशन कोर्स करता है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा
- 2 साल करता है तो उसे एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा
- 3 साल करता है तो उसे डिग्री प्रदान की जाएगी|
- तथा 4 साल के बाद रिसर्च के साथ बैचलर की डिग्री प्रदान की जाएगी|
- एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का निर्माण किया जाएगा|
- जिसमें छात्रों द्वारा डिजिटल अकैडमी क्रेडिट विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से समृद्ध किया जाएगा|
- और अंतिम डिग्री के लिए स्थानांतरित किया जाएगा।
- ई लर्निंग पर जोर दिया जाएगा और पाठ्यपुस्तक पर निर्भरता को कम किया जाएगा।
- पॉलिसी के तहत 2030 तक प्रत्येक जिले में एक बड़ी बहू विषयक उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाएगा।
- इस नीति के तहत 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहू विषय संस्थान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
- शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकारी तथा प्राइवेट शिक्षा मानव एक समान होंगे|
- तथा दिव्यांग जनों के लिए शिक्षा में बदलाव किया जाएगा
National Service Scheme 2021
नई शिक्षा नीति के लाभ
- नई एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6 परसेंट हिस्सा खर्च किया जाएगा।
- इस योजना के तहत भारत की अन्य प्राचीन भाषा पढ़ने का विकल्प रखा जाएगा।
- बोर्ड परीक्षा का तनाव भी कम किया जाएगा की छात्राओं के ऊपर कोई बोझ ना रहे।
- पढ़ाई को आसान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
- एमफिल की डिग्री को खत्म किया जाएगा।
- एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मैन सिलेबस में रखा जाएगा।
- छात्राओं को तीन मुख्य भाषा सिखाई जाएंगी जो अपने राज्य स्तर पर निर्धारित करेंगे।
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
- नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए काफी सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे।
- इस पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर ध्यान दिया जाएगा।
- नई नीति के तहत अगर कोई छात्र किसी कोर्स को बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाखिला लेना चाहता है
- तो उसे कुछ समय का ब्रेक दिया जाएगा ताकि वह दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सके।
नई शिक्षा नीति (NEP) के चरण
इस नीति को कुल 4 चरणों में विभाजित किया गया है जो पहले 10+2 था उसे बदल कर 5+3+3+4 कर दिया गया है। इस नए पैटर्न में 12 साल की स्कूल शिक्षक तथा 3 साल की प्रीस्कूल शिक्षक शामिल है। न्यू शिक्षा पॉलिसी के चार चरण कुछ इस प्रकार हैं
फाउंडेशन
इस स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चे को शामिल किया जाता है जिसमें 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा होती है तथा 2 साल की स्कूल शिक्षा शामिल होती है। फाउंडेशन स्टेज के तहत भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
प्रिप्रेटरी
इस स्टेज में 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे। प्रिप्रेटरी स्टेज में भाषा और संख्यात्मक कौशल के विकास पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
मिडिल स्टेज
इस स्टेज में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को शामिल किया गया है। तथा कक्षा 6 के बच्चों को कोडिंग की शिक्षा दी जाएगी और उन्हें व्यवसायिक परीक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।
सेकेंडरी स्टेज
इस स्टेज में 9 से 12 तक के बच्चे शामिल होंगे। पहले बच्चों को अपनी स्ट्रीम सेलेक्ट करनी पड़ती थी पर अब इसे खत्म करके बच्चे अपनी पसंद के सब्जेक्ट का चयन कर सकते हैं। जैसे कि अगर बच्चे साइंस के साथ कॉमर्स या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स लेना चाहे तो उनको प्रदान की जाएगी
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) स्ट्रीम्स
जैसे कि हम सब जानते हैं कि इस नई पॉलिसी के पहले बच्चों को अपनी स्ट्रीम्स जैसे के आर्ट्स साइंस कमर्स को चुनना पड़ता था तथा इस नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत छात्रों को अब कोई स्कीम चुनने की आवश्यकता नहीं है आप अपनी इच्छा अनुसार कोई भी सब्जेक्ट का चयन कर सकते हैं। प्रत्येक विषय को अतिरिक्त पाठ्यक्रम ना मान के पाठ्यक्रम के रूप में देखा जाएगा और इसमें योग्य खेल नृत्य मूर्तिकला संगीत आदि भी शामिल होंगे। इसके साथ-साथ शारीरिक शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस नीति में वोकेशनल तथा एकेडमिक स्ट्रीम को भी अलग नहीं किया जाएगा जिससे छात्रों को दोनों क्षमताओं को विकसित करने का मौका प्राप्त होगा
B.ed होगा अब 4 साल का
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत b.ed को अब 4 साल का कर दिया गया है 2030 के अंत तक शिक्षक की न्यूनतम योग्यता 4 साल का b.ed प्रोग्राम होगी जिसके तहत अगर मानकों का पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
वोकेशनल पर होगा अधिक ध्यान
जैसे कि हम सब जानते हैं कि हमारे देश में वोकेशनल स्टडी करने वाले छात्र केवल 5 पर्सेंट है इसी चीज को मध्य नजर रखते हुए शिक्षा नीति द्वारा कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक छात्रों को वोकेशनल स्टडी करने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। जिसमें बागवानी लकड़ी का काम मिट्टी के बर्तन बिजली का काम आदि शामिल है।
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मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा में होगी शिक्षा
जैसे कि हम सब जानते हैं अगर कोई चीज हमें मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में समझाई जाए तो वह हमें ज्यादा समझ आती है इसी चीज को मद्देनजर रखते हुए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के द्वारा और पांचवी कक्षा तक के बच्चे अपनी मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा में पढ़ने का प्रावधान किया गया है शिक्षकों को पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करनी होगी और पाठ्य पुस्तकों को भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध करवाया जाएगा। अगर पाठ्य पुस्तक क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं हो पाए तो शिक्षक और बच्चों के बीच बातचीत क्षेत्रीय भाषा में होगी और उन्हें दो से तीन नई भाषा इच्छा अनुसार सिखाई जाएंगी
शिक्षकों की भर्ती
इस पॉलिसी के तहत यदि विभिन्न भाषाएं बोलने वाले शिक्षकों की कमी होगी तो विभिन्न भाषा बोलने वाली शिक्षकों को भर्ती किया जाएगा जिसके अंतर्गत जरूरत पड़ने पर रिटायर हुए शिक्षकों को दोबारा भी बुलाया जा सकता है।
विदेशी भाषा सिखाने का प्रयास
इस पॉलिसी के तहत अगर कोई बच्चा अपने मनपसंद भाषा सीखना चाहता है तो उसे वह भाषाएं भी सिखाने पर जोर दिया जाएगा जिसमें फ्रेंच जर्मन स्पेनिश चाइनीस जैपनीज आदि शामिल है।
नई शिक्षा नीति– Official Website